तो उसका कारण तुम्हारी बेरुखी मुझसे
लो आज मैं बदल गया , सच मे बदल गया
लेकिन सिर्फ बाहर से
अंदर से तो आज भी मैं तुम्हारे प्यार के रंग मैं रंगा हुआ हूँ
तुम्ह सोचते हो की मैं सह लिया वो सबकुछ जो मैंने तुमसे पाया है
तुम्हारा वो मुझसे बेरुखी ,
तुम्हारा दूर होना मुझसे ,
तुम्हारा अभिमान मुझपर , और भी कितना जो याद नहीं . ।
लेकिन तुमने आज भी मेरे प्यार को नहीं जाना . .
तुम्हें नहीं पता आज भी रास्ते में आकर खड़ा हो जाता हूँ ,
तुम्हारे बापस लौटने के इंतज़ार में ,
आज भी एक एक पल गुजरता है सिर्फ तुम्हें याद करते हुये ,
आज भी रो लेता हूँ तुम्हें याद करके ,
आज भी भटकते है रस्तों में तुम्हें एक झलक देखने के लिए ,
आज भी रात जगे रहते तुम्हारे फोन के इंतज़ार मैं ,
आज भी बिना बजह खुद से ही बात कर लेते है ,
आज भी मैं वैसा ही हूँ जैसा तुम मुझे छोड़ के गए थे ।
अभी भी हूँ तुम्हारे इंतज़ार मैं ।
" लौट आओ "
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